कहते हैं बल्लेबाज़ वो नहीं जो सिर्फ गेंदों को मारना ही जानता हो. अगर लंबा खेलना है और कुछ बड़ा करना है तो पहले कुछ डिलीवरी छोड़नी भी पड़ती है, फिर स्कोर बोर्ड में संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ रन जोड़ने पड़ते हैं और जब सब बराबर करना हो तो तोड़ना भी पड़ता है. जैसे वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में बेन स्टोक्स ने किया. इस मैच में स्टोक्स की पहली पारी 487 मिनट यानी 8 घंटे से भी ज़्यादा चली. इस दौरान उन्होंने 356 गेंदों का सामना किया और 17 चौके तथा 2 छक्के जमाते हुए 176 रन बनाए. इंग्लिश ऑलराउंडर के टेस्ट करियर का दूसरा बड़ा स्कोर होने के अलावा ये उनकी सबसे लंबी चली इनिंग में से एक भी है. स्टोक्स ने इस पारी के दौरान 86 गेंदें छोड़ी, जो कि 63 गेंदों के उनके पिछले रिकॉर्ड से ज़्यादा है. 255 गेंदों पर रन जोड़ते हुए वो अपने 10वें टेस्ट शतक तक पहुंचे और फिर कैरेबियाई गेंदबाज़ों को तोड़ते हुए सिर्फ 46 गेंदों पर ही 150 की दहलीज़ लांघ ली. छोड़ो, जोड़ो और तोड़ो की स्टोक्स नीति का ही कमाल है कि मैनचेस्टर में इंग्लैंड की मैच स्टोरी साउथैम्पटन से अलग है.