बिहार विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से 2021 में जातीय आधार पर जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित किया. पूर्व में तमाम विपक्षी दल इस तरह की मांग उठाते रहे हैं. वहीं खुद सत्तारुढ़ जेडीयू भी प्रदेश में जातीय आधार पर जनगणना कराने की वकालत करती रही है. 2015 के चुनाव के दौरान भी जेडीयू ने प्रदेश में जाति आधारित जनगणना का विषय उठाया था. इसके बाद सीएम नीतीश के सत्ता में आने पर आरजेडी और कुछ अन्य पार्टियों ने इसकी वकालत की थी. आंकड़ों पर गौर करें तो 1931 के बाद से जातीय आधार पर कोई भी जनगणना नहीं कराई गई है. यूपी और बिहार में जातीय आधारित जनगणना की मांग लंबे वक्त से होती रही है.