Dementia: दिल की धड़कन का तेज़ रहना बढ़ा सकता है डिमेंशिया का खतरा

Updated : Dec 09, 2021 16:08
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Editorji News Desk

बुढ़ापे में आराम करते समय भी दिल की धड़कन का तेज़ रहना डिमेंशिया यानि मनोभ्रंश के रिस्क को बढ़ा सकता है. एक नई स्टडी में ये दावा किया गया है.

रिसर्च टीम ने 12 साल तक 60 साल या उससे अधिक उम्र के 2,147 बुज़ुर्गों के आराम करते समय उनकी हार्ट बीट की स्टडी की. रिसर्चर्स ने इस बात का भी आंकलन किया क्या कार्डियोवैस्कुलर बीमारी जैसे दूसरे फैक्टर्स के अलावा, Resting Heart Rate(RHR) को डिमेंशिया से जोड़ा सकता है? 

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अल्ज़ाइमर्स एंड डिमेंशिया जर्नल में इस स्टडी को छापा गया है. स्टडी बताती है कि जिन लोगों की हार्टबीट औसतन 80 बीट प्रति मिनट या इससे अधिक होती है, उनमें 60-69 बीट प्रति मिनट की हार्टबीट वाले लोगों की तुलना में डिमेंशिया का खतरा 55 प्रतिशत अधिक होता है. 

रिसर्चर्स ने निष्कर्ष निकाला कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल और दिल की सेहत स्वस्थ रखने से उम्र के साथ होने वाली डिमेंशिया देर से शुरू हो सकता है और इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है.

और भी देखें: अल्ज़ाइमर्स से बचना है तो खाएं ये चीजें, बढ़ेगी याददाश्त

cardiovascular diseasesAlzheimer’sheart healthDementia

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