मात्र ढाई मिनट में बीजिंग (Beijing) और इस्लामाबाद (Islamabad) को तबाह करने का माद्दा रखने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि- 3 (Agni-3 Missile) का बुधवार को ओडिशा (Odisha) के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफल परीक्षण किया गया. इस परीक्षण के साथ ही भारत ने विश्व बिरादरी को चेता दिया है कि कोई उसे कम आंकने की गलती ना करे. तीन से पांच हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-3 की जद में चीन का बड़ा हिस्सा, पूरा पाकिस्तान (pakistan), पूरा अफगानिस्तान, हॉर्न ऑफ अफ्रीका, अरब देश, इंडोनेशिया और म्यांमार जैसे कई देश शामिल हैं. ऐसे में अग्नि-3 मिसाइल की घातकता को जानना दिलचस्प हो जाता है-
'घातक' है अग्नि-3 मिसाइल
- सटीक हमला करने वाली तकनीक से लैस
- परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
- आग उगलने वाले हथियारों से भी हमला
- हथियार का वजन कम-ज्यादा कर रेंज बढ़ेगी
टारगेट पर सटीक हमले के साथ ही अग्नि-3 मिसाइल अपनी रफ्तार (Speed) के लिए भी जानी जाती है. मिसाइल की रफ्तार ऐसी है कि दुश्मन को संभलने का मौका ही ना मिले.
'रफ्तार भी दमदार'
- 18,522 किलोमीटर प्रतिघंटा है गति
- 5 से 6 सेकेंड में दुश्मन होगा तबाह
- दिल्ली से बीजिंग सिर्फ 12 मिनट में पहुंचेगी
- इस्लामाबाद में ढाई मिनट में मचाएगी तबाही !
17 मीटर लंबी अग्नि-3 मिसाइल को बनाने में 25 से 30 करोड़ रुपये की लागत आई है और इसे DRDO ने तैयार किया है. एक-दो स्टेज वाली ये मिसाइल सॉलिड ईंधन से उड़ेगी जिसे 8x8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर से लॉन्च किया जाएगा. आइए एक नजर डालते हैं मिसाइल की सटीकता पर-
सटीकता में कोई मुकाबला नहीं
- 100 फीसदी तबाही मचा सकती है अग्नि-3
- लक्ष्य से 40 मीटर दूर गिरी तो भी दुश्मन तबाह
- आसमान में 450 किलोमीटर तक जाने की क्षमता
- अंतरिक्ष में भी सैटेलाइट को मार गिराने में सक्षम
- फायर करने के बाद भी बदला जा सकता है 'टारगेट'
बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 में 2490 किलोग्राम वजनी हथियार लगाए जा सकते हैं जो टारगेट (Target) का नामोनिशान मिटा देंगे. साल 2010 में जब इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था, उस दौरान भी इसने टारगेट पर सटीक वार किया था. 2013, 2015 और 2017 में भी इसके सफल परीक्षण किए जा चुके हैं.