हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (OP Chautala) को CBI कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के मामले में 4 साल की सज़ा सुनाई है. कोर्ट ने शुक्रवार को 87 साल के चौटाला पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही उनकी 4 संपत्तियां जब्त करने का आदेश भी दिया है. ये संपत्तियां हेली रोड, पंचकूला, गुरुग्राम औक असोला में है. बता दें कि चौटाला की सजा पर गुरुवार को बहस हुई थी. सीबीआई के वकील ने चौटाला को बीमारी और विकलांगता के आधार पर राहत का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि खराब स्वास्थ का इलाज कराया जाना चाहिए लेकिन उन्हें अधिकतम सजा दी जानी चाहिए.
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सीबीआई ने कोर्ट में कहा, "भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके." चौटाला की तरफ से सीबीआई कोर्ट से अपील फाइल करने के लिए 10 दिन का समय मांगा गया. इस पर जज ने कहा कि आप हाईकोर्ट जाइए. बता दें कि पूर्व सीएम को CBI को 5 लाख रुपये अलग से देने होंगे. ऐसा ना करने पर उनकी सजा 6 महीने और बढ़ सकती है.
चौटाला को किस मामले में मिली सजा?
सीबीआई ने चौटाला के खिलाफ 26 मार्च 2010 को चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में बताया गया कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक अपने पद पह रहते हुए उन्होने आय से ज्यादा संपत्ति कमाई. सीबीआई के मुताबिक, उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी, जिसके सोर्स का उनके पास कोई सबूत नहीं था. पूर्व सीएम के पास आय से 189.11% संपत्ति ज्यादा थी. ED ने चौटाला के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच शुरू की थी. ED ने बताया था कि पद पर रहते हुए चौटाला ने आय से ज्यादा कमाई की और उससे संपत्तियां खरीदीं. 2019 में ED ने चौटाला की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली थी. उनका नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित फ्लैट, एक प्लॉट और जमीन को जब्त कर लिया गया था. जनवरी 2021 में स्पेशल जज विकास धुल ने उनके खिलाफ आरोप तय किए थे.