पश्चिम बंगाल (West Bengal) के संदेशखाली में यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोपी TMC का निलंबित नेता शाहजहां शेख अब आंसू बहाता हुआ नजर आ रहा है. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उसका वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें शेख कथित तौर पर रो रहा है.
दरअसल, कोर्ट की तरफ से शाहजहां शेख की कस्टडी 14 दिन के लिए और बढ़ा दी गई है. ऐसे में कोर्ट से जब वो बाहर निकला तो अपने परिवारवालों को देख फूट-फूट कर रोने लगा. इस वीडियो में शाहजहां शेख एक पुलिस वैन में बैठा हुआ दिख रहा है और बैन के बाहर उसके परिवार के लोग खड़े हुए हैं.
BJP का तंज
शाहजहां शेख के वीडियो पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'स्वैग गायब हो गया है. ममता बनर्जी का पोस्टर बॉय - बलात्कारी शेख शाहजहां एक नादान बच्चे की तरह रो रहा है. जब कानून शिकंजे में आएगा तो उसे बचाने कोई नहीं आएगा. यहां तक कि ममता बनर्जी भी नहीं. वह अपने मंत्रियों को भी नहीं बचा सकीं. घड़ी चल रही है.'
कौन है शाहजहां शेख ?
शाहजहां शेख की पहचान टीएमसी के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के रूप में है. वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है. पहली बार शाहजहां शेख उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी, उस समय उसके गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. इसके बाद से ईडी लगातार पूछताछ के लिए शाहजहां शेख को समन जारी कर रही है, लेकिन ईडी टीम पर हमले के बाद से वो फरार चल रहा था. पूरे 55 दिनों के बाद इसी साल फरवरी में पुलिस उसे गिरफ्तार करने में कामयाब हुई है.
ED की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली सुर्खियों में आ गया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो. कोलकाता हाईकोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए उसे गिरफ्तार किया.
हमले के बाद फरार हो गया था शाहजहां
बता दें कि ईडी ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. इस मामले में ईडी ने सबसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था. बाद में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और बनगांव नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शंकर आद्या की भी संलिप्तता सामने आई थी. इसी सिलसिले में 5 जनवरी को ईडी की टीम जब शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची तो वहां कुछ लोगों ने ईडी अधिकारियों पर हमला कर दिया था. हमले के बाद शाहजहां शेख फरार हो गया था, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, वह केंद्रीय एजेंस की हिरासत में है.
ये भी पढ़ें: VIDEO: बेहोश होकर गिरे केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari, मंच पर मची अफरा तफरी