Rajasthan : भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान के मंत्री पद से इस्तीफा देने पर कहा, "...मेरी न तो मुख्यमंत्री से और न ही संगठन से कोई नाराजगी है. आपको पता है जिस क्षेत्र में मैंने 40 वर्ष काम किया, एक बार तो ऐसी बनी जब मुझे मंत्रीपद छोड़ना पड़ा था. लोग उनकी नहीं सुनी और वहां के लोग इस बहकावे में आ गए कि PM मोदी आरक्षण खत्म करेंगे... इस बहकावे में आकर लोग जिनकी मैं सेवा करता रहा, हर दुख दर्द हो हमेशा साथ दिया खासकर एससी के लोग, लेकिन ये लोग पार्टी से विमुख हो गए और मैं अपने क्षेत्र में पार्टी को नहीं जीता सका यह मेरी विफलता है. मैंने चुनाव के दौरान घोषणा की थी कि अगर धौलपुर, करौली, डौसा आदि सीटें हम हार गए तो मैं मंत्रिपद छोड़ दूंगा... मैंने 5 जून को मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंपा था, मैंने उनसे दोबारा मुलाकात की पर उन्होंने इस्तीफा स्वीकार करने से मना किया, ऐसे में मैंने उन्हें पोस्ट के माध्यम अपना इस्तीफा दोबारा सौंपा"
हालांकि सीएम भजनलाल ने इस्तीफा स्वीकार करने से मना कर दिया है. लेकिन किरोड़ी लाल मीणा अड़े हुए हैं. उन्होने सरकारी बंगला और वाहन भी छोड़ दी है. उनका कहना है कि "अगर इस्तीफा दे दिया है तो मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि सत्ता की तरफ से दी गई सुख सुविधाओं का उपभोग न करूं"