उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन विवादों के घेरे में आ गई है. दरअसल उत्तराखंड के अंडर -19 क्रिकेटर आर्य सेठी के पिता वीरेंद्र सेठी ने सीएयू के खिलाफ पिछले साल विजय हजारे टूर्नामेंट के दौरान अपने बेटे से जबरन वसूली मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस ने सीएयू सचिव माहिम वर्मा, टीम के मुख्य कोच मनीष झा और एसोसिएशन के प्रवक्ता संजय गुसाईं से भी पूछताछ की, जिनके नाम सेठी की शिकायत में शामिल थे. सेठी ने आरोप लगाया कि वर्मा ने उनके बेटे को स्टेट टीम में शामिल करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की थी.
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लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. दरअसल राज्य सरकार के निकाय के खिलाफ कई और आरोप हैं जिनमें अकाउंट में गड़बड़ियों से लेकर युवा खिलाड़ियों को डराने-धमकाने तक की शिकायतें शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसोसिएशन के अकाउंट कीपिंग में भी बहुत सारी गलतियां हैं. एक तरफ खिलाड़ी पेमेंट न करने या बकाया राशि के कम पेमेंट की बात करते हैं, तो अकाउंट बुक कुछ और ही दिखाती हैं.
खिलाड़ियों ने इससे पहले भी प्रशिक्षण और टूर्नामेंट शिविरों के दौरान भोजन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया था. हालांकि, 31 मार्च, 2020 की एक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 35 लाख सिर्फ केले के लिए और 22 लाख पानी की बोतलों के लिए खर्च किए गए थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसमें महामारी के समय के भी आंकड़े शामिल हैं.
उत्तराखंड से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. कुमार के अनुसार, सीएयू के अकाउंट के मुताबिक महामारी के दौरान सिर्फ दोपहर और रात के खाने के लिए 1.27 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जिसपर विश्वास करना बहुत मुश्किल है.
कुमार ने इस मामले में बीसीसीआई से हस्तक्षेप करने के लिए कहा. BCCI एपेक्स काउंसिल की बैठक 21 जुलाई को होने वाली है, और यह देखना बाकी है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारी उत्तराखंड एसोसिएशन के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं.