लॉकडाउन में कितने मजदूरों की गई जान? मोदी सरकार बोली- कोई रिकॉर्ड नहीं

Updated : Sep 14, 2020 16:53
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Editorji News Desk

सोमवार यानी 14 सितंबर से संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है. लॉकडाउन और कोरोना को लेकर कई सवाल सदन में उठाए गए. लोकसभा में विपक्ष के कई सांसदों ने सरकार से पूछा कि लॉकडाउन के चलते देश में कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई. जिस पर सरकार की ओर से कहा गया कि, उसके पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है जो बता सके कि इस दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई. सरकार से जब पूछा गया कि क्या सरकार ने पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा या आर्थिक मदद की है. इसके जवाब में श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि जब सरकार के पास मजदूरों की मौत का कोई डाटा नहीं है तो पीड़ित परिवारों को सहायता कैसे देंगे. आपको बता दें लॉकडाउन लगने के बाद लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को देशभर की सड़कों पर बच्चों और महिलाओं के साथ सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलते घर लौटते देखा गया. इस दौरान बहुत से मजदूरों की एक्सीडेंट, भूख-प्यास और तबीयत खराब होने के चलते मरने की खबरें लगातार आईं, इसी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा था.

मॉनसून सत्रसंसद

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