महाराष्ट्र में अबकी बार 200 पार का नारा लेकर चुनाव में उतरे फडणवीस को सत्ता तो मिल गई लेकिन उनकी पार्टी बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा...बीजेपी अपने 2014 के ही प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाई...उसे तब 122 सीटें मिली थीं...आलम ये है कि फडणवीस के छह मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा...दरअसल महाराष्ट्र के महारण में सबसे ज्यादा फायदे में रही हैं क्षेत्रीय पार्टियां- शिवसेना और NCP. शिवसेना ने अपनी सीटें बरकरार रखीं तो NCP ने साल 2014 में जीतीं अपनी 41 सीटों को न सिर्फ बरकरार रखा बल्कि आंकड़ा पचास के पार भी कर लिया. जाहिर है महाराष्ट्र में स्थानीय मुद्दों के सामने भाजपा के राष्ट्रीय मुद्दे कमजोर नजर आए...बीजेपी ने यहां अनुच्छेद 370, तीन तलाक, सावरकर को भारत रत्न और मराठा आरक्षण को मुद्दा बनाया था...खुद PM ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं
बाईट-नरेन्द्र मोदी
दरअसल महाराष्ट्र में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी के राष्ट्रीय मुद्दों की हवा निकालने में जुटी रहीं...शरद पवार और राहुल गांधी बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या, नोटबंदी के दुष्प्रभावों, जीएसटी और PMC घोटाले का मुद्दा उठाया....जाहिर है महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी को जिता कर भी ये संदेश दे दिया है कि चांद पर रॉकेट भेजने से ही पेट नहीं भरता...धरातल पर भी और काम करने की जरूरत है.