चिदंबरम को जेल ना जाना पड़े इसे लेकर उनके वकीलों की ओर से जोरदार दलीलें दी गईं. उनके वकील ने कहा चिदंबरम पर आज तक सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप नहीं लगा है, और कोर्ट को चाहिए कि वो उन्हें जमानत दे दे. लेकिन सीबीआई की पैरवी करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि चिदंबरम का राजनीतिक कद और हैसियत काफी बड़ी है, और बाहर रहने पर वो गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं. इसके बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल ईडी के सामने सरेंडर करने को तैयार हैं, और सीबीआई जिन दावों को न्यायिक हिरासत के लिए रख रही है वे गलत हैं. लेकिन सरकारी वकील सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकने की बात पर अड़े रहे और आख़िरकार कोर्ट ने चिदंबरम को राहत देने से इनकार करते हुए उन्हें जेल भेज दिया.