JNU के पूर्व छात्र नेता और दिल्ली दंगा केस में UAPA के तहत आरोपी बनाए गए उमर खालिद ने तिहाड़ जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 22 अक्टूबर को न्यायिक हिरासत खत्म होने पर उन्होंने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में अदालत को बताया कि तिहाड़ प्रशासन उन्हें जेल में अपनी कोठरी से बाहर तक नहीं निकलने देता, उन्हें अलग थलग करके रखा गया है. किसी को मिलने भी नहीं दिया जा रहा. खालिद ने कोर्ट को कहा कि यह तो सजा की तरह है और पूछा कि मुझे क्यों यह सजा दी जा रही है? खालिद ने कोर्ट को कहा कि मैं दोहराता हूं कि मुझे तिहाड़ जेल में सुरक्षा की जरूरत है मगर यह पूरे दिन मुझे कोठरी में बंद रखकर नहीं हो सकती.
वहीं अब उमर खालिद के वकील ने कोर्ट से अपील की है के वो ये सुनिश्चित करे कि जेल प्रशासन के खिलाफ बोलने पर तिहाड़ प्रशासन उमर खालिद को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएं. इससे पहले ऑनलाइन पेशी में जब जेल प्रशासन ने उमर खालिद का माइक ऑन नहीं किया था तब अदालत ने तिहाड़ के सहायक अधीक्षक को फटकार भी लगाई. खालिद की शिकायत पर जेल प्रशासन आज अपना जवाब देगा और न्यायिक हिरासत बढ़ाई जाए या नहीं इसपर भी फैसला आज ही होने की उम्मीद है.