भारत में क्यों 'मौत बांटती' हैं सड़कें?
Updated : Jul 09, 2019 17:34
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Editorji News Desk
बीते कुछ दिनों में हिमाचल से लेकर यूपी तक सड़क हादसों ने पूरे देश को हिला दिया...हिमाचल के कुल्लू में बस पलटने से 44 लोगों की मौत हो गई तो आगरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे में 29 लोगों की मौत हो गई...दरअसल दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं. इसी मुद्दे पर समझने की कोशिश करते हैं कि हकीकत क्या है, क्यों है ऐसी स्थिति और क्या सुधार हो सकते हैं
सड़के हादसों के खौफनाक आंकड़े
2015-2017 के दौरान देश में सड़क हादसों में करीब 4.45 लाख लोगों की मौत हुई
दुनिया भर की सड़क दुर्घटनाओं में अकेले भारत का हिस्सा 10 फीसदी है
सड़क हादसों में मरने वालों में से आधे बाइक सवार और पैदल यात्री होते हैं
2015-2017 के बीच हर साल बस हादसों में 11, 000 लोगों की हुई मौत क्यों जानलेवा बनती हैं सड़कें? सबसे ज्यादा हादसे लापरवाही और नियमों की अनदेखी से होते हैं
गाड़ियों की रफ्तार और शराब पीकर ड्राइव करना भी है अहम वजह
ओवरलोडिंग और सड़कों पर गड्ढे होने की वजह से भी हादसे
ज्यादातर ट्रक-बस ड्राइवर 13 से 18 घंटे तक ड्राइव करते हैं कैसे सेफ हो सड़कों पर सफर ?
भारत में सड़कों की हालत में बड़े सुधार की जरुरत नशे की हालत में गाड़ी चलाने पर और सख्ती की जाए
ड्राइविंग लाइसेंस देने के मानक और कड़े किए जाएं
बस, ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों के काम के घंटे तय हों
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