देशभर के विद्वानों ने 17,21,22,24 और 25 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त दिया लेकिन काशी के विद्वानों ने 22 जनवरी को चुना
22 जनवरी की तिथि पांच बाण यानी अग्नि बाण, मृत्यु बाण, चोर बाण, नृप बाण और रोग बाण से मुक्त है
22 जनवरी को संजीवनी योग बन रहा है जो देश की प्रसिद्धि और विकास में मददगार साबित होगा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए दोपहर 12 बजकर 29 मिनट आठ सेंकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक 84 सेकेंड का अतिसुक्ष्म मुहूर्त है
22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा करने से रामजी की राज्यवृद्धि होगी अर्थात नीति के अनुसार शासन कार्य चलेगा
काशी से ही हवन, पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सामग्री अयोध्या जाएगी. 26 दिसंबर से 51 वैदिक ब्राह्मण यज्ञ कुंड और पूजन मंडप का कार्य शुरू कर देंगे
प्राणप्रतिष्ठा मुहूर्त को भव्य बनाने के लिए और कोई भी पूजा छूट न जाए इसके लिए देशभर से विद्वानों को आमंत्रित किया गया है.