अटल बिहारी वाजपेयी 1951 में जनसंघ में शामिल हो गए, जिसके बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी.
पूर्व पीएम वाजपेयी के नेतृत्व में देश ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था.
1996 में 13 दिनों के लिए, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 से 2004 तक के लिए प्रधानमंत्री बने .
अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार संसद के सत्र में कहा था कि - सरकारें आएंगी, जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए.
मेरी बात को गांठ बांध लें, आज हमारे कम सदस्य होने पर आप (कांग्रेस) हंस रहे हैं, लेकिन वो दिन आएगा, जब हमारी सरकार होगी, उस दिन देश आप पर हंसेगा'.
अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा में चुने गए. सबसे महत्वपूर्ण विपक्ष के नेता के तौर पर भूमिका निभाई.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अटल बिहारी वाजपेयी के लिए प्रोटोकॉल तोड़ा था और अटल जी को उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया था.