डॉक्टर कलाम पायलट बनना चाहते थे लेकिन पारिवारिक मजबूरियों की वजह से नहीं बन पाए. लेकिन हार नहीं माने और मशहूर वैज्ञानिक बने
मिसाइल मैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम को भारतीय मिसाइल कार्यक्रम का जनक कहा जाता है
जनता से डॉ कलाम का जुड़ाव जगजाहिर है. 2002 में राष्ट्रपति बनने के बाद भी वो पत्रों का जवाब खुद अपने हाथों से लिखकर भेजते थे
डॉ कलाम ने पोखरण में दूसरी बार परमाणु विस्फोट में अहम योगदान रहा. इससे देश को परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता मिली
पूर्व राष्ट्रपति कलाम देश के तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न मिल चुका था. इससे पहले राधाकृष्णन, डॉ जाकिर हुसैन को मिला.