लोकसभा में पास होने के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल के लिए अगली बाधा राज्यसभा है. सरकार के पास इस सदन में बहुमत नहीं है लेकिन फिर भी संख्या बल इतना हो सकता है कि सरकार इसे पार करा ले जाए. क्या है राज्य सभा का गणित आइए समझते हैं.
राज्यसभा में कुल सदस्य : 245
\\\ राज्यसभा में रिक्त सीटें: 5
\\\ बिल को पास कराने के लिए सीटें चाहिए: 121
\\\ राज्यसभा में बीजेपी के सांसद: 83
हेडर: वो दल जो CAB के पक्ष में हैं
\\\ AIADMK
सांसदों की संख्या - 11
\\\ BJD
सांसदों की संख्या - 7
\\\ JDU
सांसदों की संख्या - 6
\\\ अकाली दल
सांसदों की संख्या - 3
\\\ YSR कांग्रेस
सांसदों की संख्या - 2
\\\ लोक जनशक्ति पार्टी
सांसदों की संख्या - 1
\\\ RPI
सांसदों की संख्या - 1
\\\ नामित सदस्य - 4
बिल के समर्थन में सदस्य: 121
हेडर: CAB के विरोध में दल
\\\ कांग्रेस
सांसदों की संख्या: 46
\\\ तृणमूल कांग्रेस
सांसदों की संख्या: 13
\\\ समाजवादी पार्टी
सांसदों की संख्या: 9
\\\ TRS
सांसदों की संख्या: 6
\\\ वाम दल
सांसदों की संख्या: 6
\\\ शिवसेना
सांसदों की संख्या - 3
\\\ DMK
सांसदों की संख्या: 5
\\\ RJD
सांसदों की संख्या: 4
\\\ एनसीपी
सांसदों की संख्या: 4
\\\ बहुजन समाज पार्टी
सांसदों की संख्या: 4
\\\ तेलगुदेशम पार्टी
सांसदों की संख्या: 2
\\\ पीडीपी
सांसदों की संख्या: 2
\\\ मुस्लिम लीग
सांसदों की संख्या: 1
\\\ केरल कांग्रेस
सांसदों की संख्या: 1
\\\ जेडीएस
सांसदों की संख्या: 1
हेडर: वो दल जिन पर रहेगी नजर
\\\ असम गण परिषद
सांसदों की संख्या: 1
\\\ बोडोलैंड पीपुल फ्रंट
सांसदों की संख्या: 1
\\\ नगा पीपुल्स फ्रंट
सांसदों की संख्या: 1
\\\ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट
सांसदों की संख्या: 1
\\\ PMK
सांसदों की संख्या: 1