22 जुलाई को हिंदुस्तान की धरती से चांद के सफर पर निकले चंद्रयान 2 की मंजिल अब काफी करीब है. और जब मंजिल चांद जैसी खूबसूरत हो...तो वहां तक पहुंचने का सफर भी दिलचस्प होता है. चंद्रयान-2 का अब तक सफर भी ऐसा ही कुछ शानदार और दिलचस्प रहा है. जिसके बारे में जानने की बेसब्री और उत्सुकता हर भारतीय के मन में है. तो चलिए.. चंद्रयान-2 के पृथ्वी से चांद के पास पहुंचने की अब तक की बेहतरीन जर्नी पर डालते हैं एक नजर...
इसरो चंद्रयान-2 को पहले 15 जुलाई को लॉन्च करनेवाला था, लेकिन हिलियम टैंक में लीकेज की वजह से आखिरी वक्त में लॉन्च को रोकना पड़ा. और लॉन्चिंग की अगली तारीख 22 जुलाई को तय हुई. फिर एक हफ्ते का इंतजार खत्म हुआ और 22 तारीख को भारत ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रच दिया. लॉन्च के 16 मिनट बाद चंद्रयान 2 पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया. इसके बाद इसरो ने सफलतापूर्वक एक के बाद एक चंद्रयान 2 की कक्षा बदली और 2 अगस्त को ये पृथ्वी की चौथी कक्षा में पहुंच गया. 4 अगस्त को पहली बार चंद्रयान-2 ने पृथ्वी की रोमांचक तस्वीरें भेजी. फिर 20 अगस्त को चंद्रयान-2 ने लूनर ऑर्बिट में एंटर किया और धीरे-धीरे कक्षा कम करना शुरू किया. 1 सितंबर की शाम चांद की पांचवी कक्षा में पहुंच गया चंद्रयान-2. अगले दिन यानी 2 सितंबर को लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग हो गया. फिर आया 4 सितंबर, जब चंद्रयान-2 और चांद के बीच की दूरी मात्र 35 किलोमीटर रह गई. और अब पूरे देश को 7 सितंबर का इंतजार है, जब चंद्रयान 2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा और चंद्रमा के कई अनछुए पहलू और रहस्य से पर्दा उठाएगा. और इतिहास में दर्ज होगा एक नये मिशन चंद्रयान 2 का नाम और लिखी जाएगी इसके कामयाबी की दास्तान.