Hindu Saints Andolan: कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर करीब एक साल तक चला किसान आंदोलन (movement) सरकार को झुकाने में कामयाब रहा, जिसके बाद अब साधु-संत भी इसी राह पर चलकर अपनी मांगें मनवाने की कवायद में हैं.
साधुओं की मांग है कि मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त (government control) किया जाए. इसे लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साधु-संतों ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर में मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरुआत कर दी है. कालका जी मंदिर के महन्त सुरेंद्र नाथ अवधूत महाराज ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार को मंदिरों का प्रबंधन तुरंत साधु-संतों के हाथ में सौंप देना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे देश के साधु-संत आंदोलन करेंगे.
वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र कर मठ-मंदिरों पर अवैध रूप से कब्जे को लेकर अपनी नाराजगी जताई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि जनवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने वाले आदेश में कहा था कि मंदिरों का संचालन और व्यवस्था भक्तों का काम है.
साधुओं का साफ कहना है कि अगर किसान सरकार को झुका सकते हैं तो हम क्यों नहीं, जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली में डेरा डालेंगे.