किसान संगठनों ने केन्द्र सरकार की ओर से दिए गए प्रस्तावों पर एक हफ्ते बाद जवाब भेज दिया है. जिसमें किसानों ने न सिर्फ सरकार के प्रस्तावों को खारिज किया बल्कि सरकार को चेतावनी भी दी है. आंदोलन कारी संगठनों ने सरकार से कहा है कि वो दूसरे किसान संगठनों से सामानांतर बातचीत बंद करे और किसानों के आंदोलन को बदनाम न करे. संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य दर्शन पाल ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल को ये चिट्ठी लिखी है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह चिटठी इस लिहाज से अहम है क्योंकि आठ दिसंबर के बाद से सरकार और किसान संगठनों की बातचीत बंद है. कृषि मंत्री ने कहा था कि वे किसानों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.