इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) ने गुरुवार को विपरीत धर्म वालों के विवाह मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि धर्म बदल कर शादी करने पर रजिस्ट्रेशन रोकने का किसी को हक नहीं है. अवैध धर्म परिवर्तन कानून 2021 विपरीत धर्म को मानने वाले जोड़ों के विवाह पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. कोर्ट ने साफ कहा कि बालिग को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का संवैधानिक अधिकार है और शादी के लिए सरकार, परिवार या समाज की अनुमति जरूरी नहीं हो सकती. साथ ही कहा कि विवाह पंजीकरण निबंधक को यह अधिकार नहीं है कि वह जिला प्राधिकारी से धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं लिए जाने के आधार पर शादी का रजिस्ट्रेशन रोके रखे.
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कोर्ट ने ये फैसला 17 जोड़ों की उन याचिकाओं पर दिया, जिसमें कहा गया था कि धर्म बदलने की वजह से उनकी शादी को पंजीकृत नहीं किया जा रहा था. हाईकोर्ट ने ऐसे जोड़ों की शादी के तुरंत रजिस्ट्रेशन का आदेश दिया. साथ ही पुलिस को भी निर्देश दिया कि विपरीत धर्मों के शादीशुदा बालिग जोड़े को जरूरत के मुताबिक सुरक्षा और संरक्षण दिया जाए.
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