Kisan Bharat Bandh: सोमवार को किसानों के भारत बंद का असर पूरे देश में देखने को मिला. कई राज्यों में असर ज्यादा था तो कई में कम, लेकिन कुल मिलाकर इस बार किसानों के बंद का असर उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत और पूर्वी भारत से पश्चमी भारत तक में नजर आया. सड़कों पर गाड़ियां, रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें, नेशनल हाइवे... इन सभी जगहों पर बंद का असर दिखा.
किसानों के भारत बंद का A to Z अपडेट हम आपको कुछ सवाल-जवाब के जरिए दे देते हैं.
पहला सवाल- किसानों ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान क्यों किया ?
जवाब- पिछले साल 27 सितंबर, 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन नए कृषि कानूनों को मंजूरी दी थी, इन कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं. इसलिए 27 सितंबर को किसानों ने भारत बंद बुलाया.
सवाल- किसानों के भारत बंद की वजह से दिल्ली और आसपास कहां कहां रुकी रफ्तार?
जवाब- सोमवार को किसानों के भारत बंद के आह्वान ने रेलवे से लेकर हाइवे तक पर काफी असर डाला. दिल्ली में मेट्रो पर भी इसका गहरा असर पड़ा.
दिल्ली के बॉर्डरों पर लंबा जाम लगा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और कुंडली-मानेसर एक्सप्रेसवे, NH-9 और NH-24 पर गाड़ियां रेंगती नजर आईं
दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर को भी ब्लॉक कर दिया गया
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भी भारी जाम लगा
दिल्ली पुलिस ने एहतियातन लाल किला जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया
किसानों ने दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाइवे को जाम कर दिया. जिससे वहां ट्रकों की लंबी लाइनें लग गईं
किसानों ने मुज़फ़्फ़रनगर के पास दिल्ली -हरिद्वार highway बंद किया
सवाल- भारत बंद का रेलवे पर क्या असर पड़ा?
जवाब- भारत बंद के दौरान किसानों ने कई राज्यों में रेलवे ट्रैक को ब्लॉक किया.
इससे दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर रुट पर 25 ट्रेनों पर असर पड़ा
जबकि 18 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा
दिल्ली से जाने वाली 2 शताब्दी ट्रेनें भी रद्द की गईं
नई दिल्ली-अमृतसर शान ए पंजाब हुई रद्द
नई दिल्ली-मोगा और पुरानी दिल्ली-पठानकोट भी रद्द कर दी गईं
सवाल- मेट्रो पर बंद का क्या असर?
जवाब- भारत बंद के बढ़ते असर को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सुरक्षा कारणों से लाल किला मेट्रो स्टेशन और पंडित राम शर्मा मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया.
सवाल- क्या पूरे देश में किसानों के बंद का असर दिखाई दिया?
जवाब- जी हां. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे उत्तर भारत के राज्यों के साथ-साथ तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी बंद का असर देखा.
हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए.
कर्नाटक के बेंगलुरू में कई संगठनों ने रैली निकालकर किसानों के भारत बंद को सपोर्ट किया.
केरल के कोच्चि कई ट्रेड यूनियनों ने बारिश के बीच किसानों के भारत बंद का सड़कों पर उतरकर साथ दिया
महाराष्ट्र के नागपुर में कई जगह जबरन दुकानें भी बंद करवाई गईं
पंजाब के अमृतसर में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे गए
चेन्नई में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए. जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
सवाल- किसानों के भारत बंद का किन राजनीतिक दलों ने समर्थन किया?
जवाब- किसानों के बंद को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, लेफ्ट, आरजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके समेत 10 से ज्यादा विपक्षी दलों ने समर्थन दिया.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि अगर आजाद भारत में भी किसानों की नहीं सुनी जाएगी तो कब सुनी जाएगी?
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी किसानों के बंद को सपोर्ट करने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. हालांकि किसानों ने उन्हें वहां से वापस जाने को कहा. किसानों का तर्क था कि ये कोई राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है.
बिहार के हाजीपुर में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया.
एक दो घटनाओं को छोड़ दें तो बंद कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा. इससे पहले किसानों ने जब भी बंद कॉल किया था तो उसका असर सिर्फ हरियाणा-पंजाब और यूपी में ही देखने को मिलता था. लेकिन इस बार किसानों के भारत बंद का असर देशभर में नजर आया. किसानों ने कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.