केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से सावरकर (Savarkar) को लेकर दिये गए बयान पर अब राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि महात्मा गांधी के कहने पर ही सावरकर ने अंग्रेजों के सामने दया याचिका दायर की थी. अब इस बयान को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. बघेल ने इस बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सावरकर जेल में बंद थे तो उन्होंने महात्मा गांधी से कैसे बात की ? बघेल ने कहा कि 'उस समय महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) कहां थे? सावरकर कहां थे? सावरकर जेल में थे. दोनों ने कैसे बात की? सावरकर ने जेल में रहते हुए दया याचिका दी थी और ब्रिटिशर का साथ देते रहे. इतना ही नहीं 1925 में जेल से बाहर आने पर द्विराष्ट्र के बारे में बात करने वाले वह पहले शख्स थे.
वहीं इस मसले पर AIMIM प्रमुख असुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी इतिहास को गलत तरीके से पेश कर रही है और अगर ऐसा ही जारी रहा तो वे सावरकर को राष्ट्रपिता घोषित कर देंगे.
दरअसल राजनाथ सिंह ने सावरकर को लेकर एक किताब लॉन्चिंग के वक्त कहा था कि ,'सावरकर के खिलाफ झूठ फैलाया गया. बार-बार यह बात कही गई कि उन्होंने अंग्रेजी सरकार के सामने अनेक मर्सी पिटिशन फाइल की ... मगर सच्चाई है कि महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने दया याचिका फाइल की थी और महात्मा गांधी ने अपनी ओर से अपील की थी, उन्होंने कहा था कि सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए,