मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने सीबीआई को लेकर बेहद सख्त टिप्पणी की है. हाईकोर्ट की मदुरै बेंच (Madurai Bench) ने कहा है कि ‘पिंजरे में बंद तोते’ सीबीआई को रिहा किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को भारत के चुनाव आयोग या फिर CAG की तरह और अधिक स्वतंत्र बनाया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि इसके लिए एक कानून लाया जाना चाहिए, जिसके तहत एजेंसी को बड़े अधिकार क्षेत्र और ज्यादा ताकतों के साथ वैधानिक दर्जा मिले.
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अदालत ने ये टिप्पणी 300 करोड़ रुपए की कथित वित्तीय धोखाधड़ी की सीबीआई जांच (CBI investigation) की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की. इसमें CBI की ओर से कहा गया था कि एजेंसी लोगों की कमी और दूसरे कई बंधनों के साथ काम कर रही है. जिस पर जज एन किरुबाकरण और बी पुगलेंधी ने कहा तोते को रिहा करो: मद्रास हाईकोर्ट
सीबीआई को एक स्वायत्त निकाय होना चाहिए. सीबीआई निदेशक को कैबिनेट सचिव जैसी विशेष शक्तियों के साथ सीधे मंत्री और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करने का अधिकार होना चाहिए. वो सीधे संसद के प्रति जवाबदेह होनी चाहिए जैसा EC और CAG के मामले में होता है. अब वक्त आ गया है कि पिंजरे में बंद तोते को रिहा कर दिया जाए.
बता दें कि विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहता है कि CBI भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के हाथों का राजनीतिक टूल बन गया है. इससे पहले साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट भी CBI को पिंजरे में बंद तोता कह चुका है.