बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने पंडितों को लेकर एक विवादित बयान दिया है. दरअसल, शनिवार को राजधानी पटना में भुइयां मुसहर सम्मेलन का कार्यक्रम हुआ था. इस दौरान मांझी ने जब बोलाना शुरू किया तो उन्होंने हिंदु धर्म को खराब कहा और ब्राह्मण समाज को निशाने पर लिया. इतना ही अपने भाषण के दौरान वो पंडितों को गालियां तक देने पर उतारू हो गए.
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रविवार को जब मांझी के बयान का वीडियो वायरल हुआ तो उन्होंने फौरन यूटर्न लिया और माफी मांग ली. मांझी ने Twitter पर माफी मांगते हुए कहा है कि, उन्होंने ब्राह्मणों के लिए कोई अपशब्द नहीं कहे हैं. अगर ब्राह्मण समाज को उनके बयान से ठेस पहुंची है तो वो माफी मांगते हैं. मांझी ने कहा कि, गाली का प्रयोग उन्होंने अपने समाज के लोगों के लिए किया था कि, हमारे समाज के लोग ऐसे लोगों से पूजा करा रहे हैं जो हमारे यहां खाना खाने तक पसंद तक नहीं करते हैं. सिर्फ पैसा लेते हैं.
अपने नेता की फजीहत होता देख उनकी पार्टी HAM के नेता मैदान में उतर आए. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि, उनके नेता के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. वो हर धर्म में आस्था रखते हैं उनका ऐसा कोई मतलब नहीं था.
वहीं, बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू और बीजेपी ने भी जीतन राम मांझी के इस बयान की निंदा की है. बीजेपी ने जीतन राम मांझी को सठियाया हुए बाताया तो, जेडीयू ने इस बयान को भारतीय संविधान के मूल से बिल्कुल अलग बताया है.