गुरुवार को राज्यसभा ने उस विधेयक को पास कर दिया जिसमें बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ा कर 74 प्रतिशत की गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में एफडीआई बढ़ाने का ऐलान किया था. सदन में बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि यह संशोधन इसलिए किया जा रहा है ताकि बीमा कंपनियों में निवेश और पूंजी बढ़ सके. सीतारमण ने ये भी साफ किया कि एफडीआई की सीमा बढ़ाने के मतलब ये नहीं है कि यह निवेश ऑटोमेटिक रूट से हो सकता है. इसके लिए बीमा कंपनियों को सरकार से जरूरी अनुमति लेनी ही होगी. FDI की सीमा बढ़ने के बाद कंपनी पर नियंत्रण की स्थिति को समझते हुए सीतारमण बोलीं कि ज्यादातर डायरेक्टर्स और प्रबंधन के अहम पदों पर भारतीयों की ही नियुक्ति करनी होगी और कंपनियों के प्रॉफिट का कुछ तय पर्सेंटेज जनरल रिजर्व के तौर पर रखा जाएगा