बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (BJP National Executive) से हटाए जाने के बाद मेनका गांधी (Maneka Gandhi) ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मैं 20 साल तक भाजपा में रहने से संतुष्ट हूं. कार्यकारिणी में न होने से किसी का कद कम नहीं होता, मेरा पहला धर्म सेवा करना है. इससे ज्यादा जरूरी है कि मुझे लोगों के दिलों में जगह मिले.
65 साल की मेनका गांधी ने सोमवार को पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से कार्यकारिणी में बैठी थी. अगर उसे बदल दिया गया तो कौन सी बड़ी बात हो गई. नए लोगों को भी मौका मिलना चाहिए. इसमें चिंता जैसी कोई बात नहीं है. मैं भाजपा में ठीक हूं.
दरअसल केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के प्रति सहानुभूति रखने की वजह से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी को BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. वरुण ने तो लखीमपुर में किसानों को कार से कुचले जाने की घटना "हत्या" बताते हुए जवाबदेही की मांग की थी. उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा था.