CBSE Question: ''महिलाओं को स्वतंत्रता मिलना अनेक तरह की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का प्रमुख कारण है।''
''पत्नियां अपने पतियों की बात नहीं सुनती हैं जिसके कारण बच्चे और नौकर अनुशासनहीन होते हैं।''
CBSE की दसवीं क्लास के एग्जाम में लिखे गए एक पैसेज में डाले गए ऐसे वाक्यों पर संसद में भी बवाल मचा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों की ओर से ऐसे सवाल शामिल करने के लिए न सिर्फ CBSE को बल्कि मोदी सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया. शून्यकाल के दौरान उन्होंने ये मुद्दा उठाया और पूछा कि बच्चों को ऐसी "स्त्री विरोधी" चीजें क्यों पढ़ाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि यह एक प्रगतिशील और सशक्त समाज के सभी मानदंडों और सिद्धांतों के खिलाफ है. इन्हें एग्जाम में शामिल करने के लिए विपक्ष ने अब मोदी सरकार से माफी की मांग की है.
माफी की मांग करते हुए कांग्रेस के साथ साथ DMK, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), NCP और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों ने लोकसभा में वॉकआउट भी किया.
इससे पहले राहुल गांधी ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए आरोप लगाया कि युवाओं की नैतिक शक्ति और उनके भविष्य को कुचलने की ये RSS और BJP की साजिश है. उन्होंने लिखा- 'बच्चों, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो. कड़ी मेहनत का फल मिलता है, कट्टरता से कुछ हासिल नहीं होता.'
तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा- 'अविश्वसनीय, क्या हम वास्तव में बच्चों को ऐसा निरर्थक ज्ञान दे रहे हैं? स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं संबंधी इन रूढ़ीवादी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा ये सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?'
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