Coal Crisis: देश में कोयले की बढ़ती किल्लत का सीधा असर बिजली आपूर्ति (Electricity)पर पड़ रहा है. कई राज्यों में बिजली आपूर्ति घटी है और कुछ जगहों पर तो 8 से 10 घंटे तक कटौती हो रही है.
ऊर्जा विकास निगम के मुताबिक राज्यों को डिमांड के मुकाबले काफी कम बिजली सेंट्रल पूल से मिल रही है, नेशनल पावर एक्सचेंज में भी बिजली की किल्लत है. पूरे भारत में लगभग 10 हजार मेगावाट बिजली की कमी बताई जा रही है. इसकी वजह से नेशनल पावर एक्सचेंज में बिजली की प्रति यूनिट दर में भी बढ़ोतरी हो गई है.
झारखंड के पावर प्लांट्स के पास भी सीमित कोयले का भंडार है. राज्य सरकार ने बढ़ी दर पर नेशनल पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदने की पहल की है, लेकिन इसकी उपलब्धता नहीं है और त्योहार के कारण आने वाले दिनों में यह संकट और और भी ज्यादा बढ़ सकता है.
बिहार में पांच गुना अधिक कीमत पर भी खपत के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है, तो राजस्थान की गहलोत सरकार ने लोगों से AC कम चलाने और जरूरत ना होने पर बिजली उपकरणों को बंद रखने की अपील की है. इसके अलावा अन्य राज्यों में भी कोयले की किल्लत से पैदा हुई बिजली संकट का असर दिख रहा है.