सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यानि (DMRC) की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग (Forest Department) से मंजूरी लेनी होगी. दरअसल, DMRC ने अपनी याचिका में कोर्ट से इसकी इजाजत मांगी थी. इसपर टॉप कोर्ट ने अपनी ओर से गठित समिति की दलील को भी मानने से इनकार किया. इसमें कहा गया था कि सभी पेड़ वन नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि हम स्वीकार करने को तैयार नहीं कि सभी लगाए गए पेड़ जंगल नहीं हैं.
बता दें कि DMRC को फेज़ 4 के निर्माण यानि एरोसिटी से तुगलकाबाद (Aerocity to Tughlakabad) तक 20 किमी लंबी लाइन के लिए करीब 10,000 पेड़ों को काटना है. इसमें कहा गया है कि इन रूकावटों के चलते DMRC को रोजाना 3.5 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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