संसद के सेंट्रल हाल में हुआ संविधान दिवस (Constitution Day) कार्यक्रम भी सियासी विवादों के बीच फंस गया. एक तरफ कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (Congress and Trinamool Congress) सहित देश की 14 विपक्षी पाटियां कार्यक्रम से नदारद रहीं तो खुद PM नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इशारों-इशारों में विपक्षी दलों पर तीखा हमला भी बोला. PM ने कहा जो दल लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं ? कुछ राजनीतिक दल फॉर द फैमिली, पार्टी- बाय द फैमिली के तर्ज पर चलती हैं...यही लोकत्रंत के लिए घातक है.
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प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग सियासत में आएं तो इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है, लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में रहे तो चिंता की बात होती है. देश भी अब बाबा साहब आंबेडकर (Baba saheb Ambedkar) का ऐसा विरोध सुनने को तैयार नहीं है.
उधर मीडिया रिपोर्ट्स में ये बताया जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के लिए यूनाइटेड फ्रंट' के तौर पर एकजुटता दिखाने के लिए विपक्षी दलों ने इस आयोजन में भाग नहीं लिया. गुरुवार को कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जन खडगे (mallikarjan kharge) ने कई विपक्षी नेताओं से इसी मसले पर मुलाकात की थी. कांग्रेस का कहना है कि यह सरकार, संविधान का सम्मान नहीं करती लिहाजा हमने कार्यक्रम से दूरी बना ली.