देश में कोरोना के घटते मामले एक बड़ी राहत का संकेत अवश्य हैं लेकिन महामारी अभी पूरी तरह से गई काबू नहीं आई है और अंदेशा इसकी तीसरी लहर का भी है. नीति आयोग ने पिछले महीने सरकार को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कुछ सुझाव दिए थे. इन्हीं सुझावों के तहत कहा गया था कि भविष्य में प्रति 100 कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में से 23 मामलों को अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करनी होगी. यानी अगर 100 लोगों को कोरोना होगा तो उनमें से 23 इस स्थिति में होंगे की उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ेगा.
ऐसा दर है कि सितम्बर के महीने में रोजाना कोरोना के 4 लाख मामले सामने आ सकते हैं. नीति आयोग का कहना है कि देश में अगले महीने तक दो लाख आईसीयू बेड तैयार किए जाने चाहिए. इनमें वेंटिलेटर के साथ 1.2 लाख आईसीयू बेड, 7 लाख बिना आईसीयू बेड जिसमें से 5 लाख ऑक्सीजन वाले बेड हों और 10 लाख कोविड आइसोलेशन केयर बेड होने चाहिए.
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