IT Raid on Dainik Bhaskar: दैनिक भास्कर ग्रुप के कई दफ्तरों और उनके प्रमोटरों के घरों पर गुरुवार को इनकम टैक्स की छापेमारी हुई. आयकर विभाग की ये छापेमारी देश से लेकर विदेश तक सुर्खियों में रही. इनकम टैक्स रेड के बाद दैनिक भास्कर ने अपने बयान में कहा कि- सरकार सच्ची पत्रकारिता से डरी और बदला ले रही. फिर जो पहली खबर छापी गई उसमें भास्कर ने लिखा- भास्कर स्वतंत्र है, यहां पाठकों की मर्जी चलेगी.
इनकम टैक्स रेड पड़ते हुए जो पहली कॉपी भास्कर ने पब्लिश की उसमें बकायदा लिखा गया कि - आईटी अधिकारियों को दिखाकर ये आर्टिकल पब्लिश किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने ऐसा करने को कहा है.
इनकम टैक्स रेड के कुछ देर बाद भास्कर ने इसपर लिखा कि - "कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है. भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है. विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची हैं और कार्रवाई जारी है."
इतना ही नहीं भास्कर ने अपनी उन तमाम रिपोर्ट्स को भी इस आर्टिकल में जोड़ा जिनके जरिए उसने सरकार और सिस्टम की पोल खोली थी. जैसे...
- सरकार के दावे में ऑक्सीजन कम: संसद में बयान- ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं; असलियत- 43 दिन में 629 मौतों की खबर तो मीडिया में ही आ चुकी थी
- "सरकार के मौतों के आंकड़े झूठे हैं, ये जलती चिताएं सच बोल रही हैं"
- "सरकार ने 50 दिनों में जिन 25 जिलों में बताई 3912 कोरोना मौत उनके सिर्फ 512 गांव-ब्लॉक से उठी 14,482 अर्थियां"
- UP में गंगा किनारे के 27 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट: 1140 किमी में 2 हजार से ज्यादा शव; कानपुर, उन्नाव, गाजीपुर और बलिया में हालात सबसे ज्यादा खराब
इनके अलावा कई और राज्यों में सरकारे के झूठे वादे, मौत के आंकड़ों पर सवाल, जलती चिताएं, वैक्सीन की बर्बादी जैसी खबरें भी इसमें शामिल थीं.