कोरोना टीके के बूस्टर डोज़ को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने केन्द्र सरकार से अहम सवाल पूछे हैं. अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोरोना का पूर्ण टीकाकरण करा चुके लोगों को बूस्टर डोज देने पर अपना रुख स्पष्ट करे. अदालत नहीं चाहती कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर जैसी स्थिति बने.
जस्टिस विपिन सांघी व जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ गुरुवार को केस की सुनवाई के दौरान पूछा कि पश्चिमी देश बूस्टर खुराक की पैरवी कर रहे हैं और हम उन लोगों को भी अनुमति नहीं दे रहे हैं, जो इसे लगवाना चाहते हैं.
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दरअसल कोर्ट में कोरोना महामारी के प्रसार दौरान दाखिल कई याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हो रही थी. इसी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माना कि बूस्टर डोज एक महंगा प्रस्ताव है लेकिन हम रूढ़िवादी रवैया अपनाते हुए दूसरी लहर जैसी स्थिति में भी नहीं जाना चाहते.
जजों ने कहा कि केंद्र को आवश्यकता पड़ने पर बूस्टर खुराक देने और इसे लगाने की प्रस्तावित समयसीमा के संबंध में हलफनामा देना चाहिए.