DRDO और भारतीय सेना ने मिलकर 9 एमएम की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल तैयार की है. रक्षा मंत्रालय ने पिस्टल की जानकारी देते हुए बताया कि इसका नाम 'अस्मी' रखा गया है. महू स्थित इनफैंट्री स्कूल और पुणे स्थित डीआरडीओ के रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में इसका डिज़ाइन तैयार किया है और बनाया भी है. मंत्रालय के मुताबिक इसे 4 महीने के कम समय में तैयार किया गया है. रक्षा मंत्रालय का दावा है कि सशस्त्र बलों के अलग-अलग ऑपरेशनों में और साथ ही उग्रवाद तथा आतंकवाद रोधी ऑपरेशनों में भी यह पिस्तौल दमदार साबित होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मशीन पिस्तौल को बनाने का खर्च 50 हजार रुपये के अंदर है और सरकार इसे निर्यात करने पर भी विचार कर रही है.