एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया अब पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Snooping Case) के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. एक याचिका के जरिए गिल्ड ने कोर्ट से मांग करी कि वो इस मसले पर SIT जांच करवाए.
अपनी याचिका में EGI ने कहा कि प्रेस की आजादी सरकार की ओर से पत्रकारों की रिपोर्ट्स में दखल अंदाज़ी ना करने पर निर्भर है. ये जरूरी है कि पत्रकार बिना डर अपने सोर्स से बात कर पाएं, सत्ता और भ्रष्टाचार की तह तक जा पाएं, सरकारी नाकामी को उजागर करें और सरकार का विरोध कर रहे लोगों के साथ भी संवाद कर पाएं.
इसके साथ ही इस PIL में केंद्र सरकार से ऐसे किसी कॉन्ट्रैक्ट का ब्योरा मांगा गया है जिसमें सर्विलांस के लिए किसी कंपनी विशेष के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया हो.
दरअसल पेगासस जासूसी कांड से जुड़ा खुलासा 18 जुलाई को उस वक्त सामने आया जिसमें कई विदेशी न्यूज एजेंसियों ने उन मोबाइल नंबरों को लेकर रिपोर्ट्स छापी जिनका स्पाईवेयर पेगासस के जरिए सर्विलांस किया गया.
भारत में 40 पत्रकारों, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत कई नामी पत्रकार, राजनेता और दूसरी हस्तियां शामिल थी.