राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंगलवार को कहा है कि देश में विनायक दामोदर सावरकर (Savarkar) को बदनाम करने की मुहिम चली और आजादी के बाद से ये काफी तेज़ी से चली वीर सावरकर -- द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन” किताब के विमोचन के मौके पर भागवत ने ये बात कही. उन्होंने आगे कहा कि सावरकार को बदनाम करने की कोशिशें आज भी जारी है और इसके बाद विवेकानंद का नंबर भी आएगा.
भागवत ने कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि 2014 के बाद सावरकर का युग आ रहा है तो ये सही है, सबकी जिम्मेदारी और भागेदारी होगी. उन्होंने सैयद अहमद खान और अशफाक उल्लाह खान की मिसाल देते हुए कहा कि ऐसे लोगों के नाम हमेशा गूंजने चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इतने सालों बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि
जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी , सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता उन्होंने आगे कहा कि इतने सालों बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी , सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता.