कोरोना की तीसरी लहर के दस्तक की आशंका और वैक्सीन की कमी (Vaccine shortage) के बीच अब देश में Pfizer और Moderna जैसी विंदेशी टीकों को लाने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए ड्रग नियामक संस्था ने भारत में विदेशी टीकों का अलग से ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया है. यानी अब उन्हें भारत में ब्रिजिंग ट्रायल्स से नहीं गुजरना होना होगा.
इस बाबत DGCI चीफ ने नोटिस भी जारी कर दिया है. जिसके मुताबिक, अब उन वैक्सीन को जिन्हें पहले से ही यूएस एफडीए, EMA, UK MHRA, PMDA जापान या फिर WHO से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है वो सीधे भारत में आ सकती हैं. इसके साथ ही ऐसी कंपनियों को उनके टीके के "हर बैच" का कसौली में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL) द्वारा परीक्षण से भी छूट दी गई है. बशर्ते कि वैक्सीन मूल देश की राष्ट्रीय नियंत्रण प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित और जारी किया गया हो. हालांकि इन टीकों के पहले 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा के मद्देनजर 7 दिन तक निगरानी जरुर की जाएगी.
बता दें कि फाइजर और मॉडर्ना उन विदेशी कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने सरकार से इन्डेमनिटी यानी क्षतिपूर्ति और स्थानीय ट्रायलों से छूट देने की बात की थी.