कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) से खुद को अलग करने की घोषणा की है. चढ़ूनी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने भेदभाव (Discrimination) किया है जिसके चलते उन्होंने संयुक्त मोर्चा से किनारा करने का फैसला किया. चढ़ूनी के मुताबिक किसान मोर्चे के कुछ नेताओं को मेरे नेतृत्व में सक्रियता दिखाना अखरा और उनके द्वारा चारों समूहों के नेताओं को इतवार की मीटिंग से बाहर निकाल दिया गया.
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दरअसल, चढ़ूनी के नेतृत्व में ही किसान यूनियन संघर्ष कमेटी के सतनाम सिंह, गुरप्रीत सिंह, पंजाब फेडरेशन से इंद्रपाल सिंह और किसान यूनियन से गुरमुख सिंह जत्था लेकर आए थे. चढ़ूनी बोले आंदोलन के पहले दिन से ही मेरे साथ भेदभाव किया जा रहा है और कई बार ऐसे मौके आए जब मुझे बाहर निकालने की कोशिश की गई. जहां चढ़ूनी ने योगेंद्र यादव पर राजनीतिक गतिविधियां चलाने का आरोप लगाया तो वहीं शिवकुमार कक्का पर आंदोलन के नेताओं द्वारा कार्रवाई ना करने की भी बात कही. चढ़ूनी ने कहा कि तानाशाही चल रही है जिसे हम सिर्फ इसलिए बर्दाश्त कर रहे हैं ताकि आंदोलन न टूटे.