किसानों के प्रदर्शन के कारण बीते 10 महीने से बंद कुंडली बॉर्डर पर जीटी रोड की एक लाइन खुलवाने को लेकर हुई बैठक बेनतीजा रही. इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) की तरफ से कोई शामिल नहीं हुआ जिस कारण से बात जस की तस बनी रह गई. दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर रास्ता खुलवाने के लिए एक हाई पावर कमेटी बनाई गई है जिसकी पहली बैठक इतवार को हुई. इस बैठक में ना आने के पीछे किसानों का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट में वो कोई पार्टी ही नहीं हैं लिहाजा वो बैठक में शामिल नहीं होंगे.
हरियाणा के के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि बातचीत के लिए 40 से अधिक किसान प्रतिनिधियों को न्योता भेजा गया था लेकिन उनमें से कोई नहीं आया. अरोड़ा बोले कि वो आगे भी बातचीत का प्रयास जारी रखेंगे और जरूरत पड़ी तो बॉर्डर पर जाकर भी किसानों के नुमाइंदों से बात करेंगे. वहीं बैठक में अपना पक्ष रखने आये व्यापारियों ने बताया कि रास्ते बंद होने के कारण उन्हें अब तक 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है.