भारत में जारी कोरोना संकट के बीच दुनियाभर से मदद आ रही है. मदद तो आ रही है लेकिन सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इन सारी मददों का उचित स्थान पर पहुंचने में वक्त लग रहा है. इसमें सबसे बड़ी समस्या कस्टम क्लियरेंस में हो रही है. क्लियरेंस न मिलने की वजह से कई सारा सामान अटका हुआ है. सरकार ने आयातकों के लिए ऑनलाइन फॉर्म जारी किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेशी मदद लेकर करीब 20 फ्लाइट्स भारत पहुंची हैं, जिसमें से बहुत सी फ्लाइट्स में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स और रेमडेसिवीर हफ्तों से कस्टम पर फंसी हुई है. अधिकारियों के सामने 'लॉजिस्टिक्स और कंपैटिबिलिटी की दिक्कतें सामने आ रही हैं, जिससे देरी हो रही है. सरकार की प्राथमिकता विदेशी मदद को सरकारी अस्पतालों में पहुंचाने की है. क्योंकि वो सुविधाएं मरीजों के मुफ्त में मुहैया कराते हैं. वहीं विदेशों से आई मदद को कई कैटेगरी में बांटने में भी दिक्कतें आ रही हैं. इसमें से ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स, ऑक्सीजन बनाने वाली मशीनें, वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन बेड, दवाइयों वगैरह के ऑफर्स को तुरंत स्वीकार कर लिया जाता है. अमेरिका से आई मदद के अपने गंतव्य पर वक्त से न पहुंचने के कारण अमेरिका ने भी सवाल उठाए हैं.