Supreme Court के आदेश के बावजूद सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन (Permanent Commission to Women) नहीं देने को लेकर टॉप कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने कोर्ट की अवमानना की है, फिर भी आपको एक मौका दिया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि अदालत के साफ आदेश के बावजूद सेना में महिलाओं को तकनीकी कारणों का हवाला देकर परमानेंट कमीशन नहीं दिया जा रहा.
जिसके बाद सेना की तरफ से भी बताया गया कि फिलहाल 72 में से सिर्फ 14 महिलाओं को मेडिकली अनफिट पाया गया है. इसके अलावा एक महिला का मामला विचाराधीन है. बाकी महिलाओं को परमानेंट कमीशन के लिए चिट्ठी भेज दी गई है.
इस दौरान सेना के वकील ने कोर्ट को बताया कि हम उन 11 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने को तैयार हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने पर मुहर लगाई थी. सेना में स्थायी या परमानेंट कमीशन का मतलब है कि कोई अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकता है और इसके बाद वो पेंशन का भी अधिकारी होगा. अब महिला सैन्य अधिकारी भी रिटायरमेंट की आयु तक सेना में काम कर सकती हैं.
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