देश में जारी कोयला संकट (Coal Crisis) से त्योहारी सीजन में अंधेरा छाने का खतरा अब टलता नजर आ रहा है. सरकार (Government) ने कोयले की मांग (coal production) को पूरा करने के लिए प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके लिए एक सप्ताह के अंदर मौजूदा वक्त में प्रतिदिन 19.4 लाख टन कोयले के उत्पादन को बढ़ाकर 20 लाख टन किया जाएगा. सरकारी सूत्रों ने ANI को बताया कि राज्यों और बिजली कंपनियों को कोयले की दैनिक आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और वो 5 दिनों का स्टॉक मेंटेन करके रख रहे हैं. साथ ही कहा कि कोयला संकट को लेकर एक महीने में स्थिति सामान्य हो जाएगी.
सरकार ने मौजूदा कोयला संकट के लिए कई कारण भी गिनाएं. सरकारी सूत्रों के हवाले से ANI के मुताबिक, जनवरी से कोयला मंत्रालय विभिन्न राज्यों को अपने-अपने राज्यों में कोयला लेने और स्टॉक करने के लिए लिख रहा है, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.
राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड की अपनी कोयला खदानें हैं लेकिन उन्होंने कोयला निकालने के लिए कुछ नहीं किया. साथ ही लंबे समय तक चले मॉनसून ने कोयला खनन को प्रभावित किया. आयातित कोयले की बढ़ती कीमतों से भी मौजूदा स्थिति पैदा हुई. इसके अलावा, गांवों के विद्युतीकरण और औद्योगीकरण ने भी मांग को बढ़ा दिया है.