Jagannath Puri Rath Yatra 2023: विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ (Bhagwan Jagannath) जी की नौ दिवसीय रथ यात्रा (Rath Yatra) मंगलवार सुबह 9:30 बजे से शुरू हो रही है.
भगवान जगन्नाथ, भगवान सुदर्शन, बड़े भाई बलभद्र (Balbhadra) और देवी सुभद्रा (Devi Subhadra) के साथ पहंडी में आकर रथ पर विराजमान होंगे और नगर भ्रमण पर निकलेंगे.
श्रीजीउ की रथ यात्रा को लेकर जगन्नाथ धाम (Jagannath Dham) उत्सव का माहौल है. राज्य और देश-विदेश के अलग-अलग कोनों से लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी पहुंच रहे हैं.
हर कोई अपनी आंखों से रथ पर विराजमान प्रभु का दर्शन करना चाहता है.
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हर साल आषाढ़ माह की द्वितीया से लेकर दशमी तिथि तक भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ यात्रा पर निकलते हैं।
दरअसल इस रथ के पीछे पौराणिक मान्यता है. हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा पवित्र और महत्वूपर्ण मानी जाने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के बारे में मान्यता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ नगर भ्रमण करने के लिए निकलते हैं.
सनातन परंपरा में भगवान बलभद्र को शेषनाग का और भगवान जगन्नाथ को भगवान श्री विष्णु का स्वरूप माना जाता है, जबकि देवी सुभद्रा भगवान श्रीकृष्ण की बहन थीं.
यहां है दुनिया की सबसे बड़ी रसोई
बता दें कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रोज लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद बनाया जाता है. यहां रोज करीब 1 लाख लोगों को प्रसाद बांटा जाता है.
भगवान जगन्नाथ को हर दिन 6 समय का भोग लगाया जाता है, जिसमें 56 तरह के पकवान होते हैं. पुरी जगन्नाथ मंदिर में बनी हुई रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है.
इसमें एक साथ 500 के करीब रसोइये और 300 के आस-पास सहयोगी भगवान के प्रसाद को तैयार करते हैं.