Aditya-L1: आदित्य एल1 मिशन पर जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रेरणा चंद्रा का कहना है कि भारत के लिए ये मिशन बेहद अहम है. अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां पहले ही सूर्य पर अवलोकन कर चुकी हैं.
उनका कहना है कि आदित्य एल1 के साथ हमारे पास सूर्य के आंकड़े भी मोजूद होंगे जिससे हमें अंतरिक्ष के मौसम और आगामी अंतरिक्ष अभियानों को समझने में बहुत मदद मिलेगी.
सूर्य के अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल-1’ को धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन-1’ बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे. इसरो के मुताबिक, सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है जो अपने प्रकाश से सौरमंडल को ऊर्जा दे रहा है.
ये मिशन दूसरे तारों के अध्ययन में हमारी सबसे ज्यादा मदद कर सकता है. इससे मिली जानकारियां दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में मदद करेंगी. हमारी पृथ्वी से सूर्य करीब 15 करोड़ किमी दूर है
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