Monk Amogh Lila Das ridicules Swami Vivekananda: इस्कॉन मंदिर के संत अमोघ लीला दास अक्सर अपने प्रवचन को लेकर चर्चा में रहते हैं. इस कड़ी में उन्होंने स्वामी विवेकानंद के खिलाफ एक विवादित टिप्पणी की हैं.
जिसके बाद उनके इस प्रवचन की चर्चा चारो ओर हो रही है. आईए अब आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने अपने बयान में ऐसा क्या कह दिया कि इस्कॉन मंदिर ने उन्हें बैन करने तक का फरमान जारी कर दिया.
विवेकानंद के मछली खाने को लेकर उठाया सवाल
दरअसल, संत अमोघ लीला दास अपने इस प्रवचन मे स्वामी विवेकानंद के मछली खाने को लेकर सवाल उठाया है. संत अमोघ लीला दास ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि कोई दिव्य पुरुष किसी जानवर को मार कर नहीं खा सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद मछली खाते थे तो उनको सही नहीं माना जा सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर स्वामी विवेकानंद उनके सामने होते तो वह उन्हें नमन करते, वह उनका सम्मान करते हैं.लेकिन उनकी कुछ बातों से सहमत नहीं है. वह उनकी अंधभक्ति नहीं कर सकते हैं.
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बैगन और तुलसी में संत ने बताया फर्क
अमोघ लीला दास ने यहां तक कहा कि कोई दिव्य व्यक्ति अगर बैगन को तुलसी से बेहत बताए क्योंकि बैगन खाने से पेट भरता है और तूलसी खाने से नहीं तो वह भी उनकी नजर में गलत है. बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब संत अमोघ लीला दास ने ऐसा विवादित बयान दिया है. वह पहले भी ऐसा कर चुके हैं.