Birbhum Violence: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों को जिंदा जलाने का मामले में ममता बनर्जी चारों तरफ से घिर गई हैं. इस पूरे मामले में हाई कोर्ट केंद्र और राज्यपाल तीनों कूद पड़े हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार (Mamata Government) पर सख्ती दिखाते हुए गुरुवार दोपहर 2 बजे तक स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. हाई कोर्ट ने इसके साथ ही गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और घटनास्थल की 24 घंटे निगरानी के आदेश भी दिए हैं.
वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी कि NCPCR ने पश्चिम बंगाल पुलिस को बीरभूम इलाके में हुई हिंसा के संबंध में तीन दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. आयोग ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है.
इससे पहले राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में हुई हिंसा को "आगज़नी और तांडव" बताया. उन्होंने बीरभूम में हुई हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यहां मानवाधिकारों को ख़त्म कर दिया गया है और क़ानून का शासन बेहद 'ढीला' है.
वहीं मंगलवार को गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पश्चिम बंगाल सरकार से आठ लोगों की मौत पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था. मंत्रालय का ये कदम ऐसे समय में आया है जब बंगाल के नौ भाजपा सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और घटना में उनके हस्तक्षेप और कार्रवाई की मांग की थी.
सीएम ममता बनर्जी गुरुवार को इलाके का दौरा करने वाली हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए कहा, 'सरकार हमारी है और हमें अपने राज्य के लोगों की चिंता है.'
ममता ने कहा, 'हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी भी नागरिक को तकलीफ हो. बीरभूम, रामपुरहाट की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. घटना की जानकारी मिलने के बाद मैंने ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया है साथ ही मैं कल खुद रामपुरहाट जाऊंगी.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं बीरभूम हत्याओं को सही नहीं ठहरा रही पर यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं और ये बंगाल है उत्तर प्रदेश नहीं. घटना को राजनीतिक बना देने के बावजूद हिंसा में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'
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आइए जानते हैं इस घटना की शुरुआत कैसे हुई?
सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख (Bhadu Sheikh)की कथित हत्या के विरोध में भीड़ उग्र हो गई और पांच घरों को बाहर से बंद कर आग लगा दी. इस वीभत्स घटना में महिलाओं और नाबालिगों सहित 8 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा 10-12 तक बताया गया है.
पुलिस ने कहा कि हिंसा को लेकर अब तक 11 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. फिलहाल इस घटना के पीछे की कहानी को लेकर पुलिस की तरफ से कोई खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन अपुष्ट रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि यह लड़ाई TMC vs TMC की है.
इस घटना के बाद से विपक्ष सीएम ममता के इस्तीफे की मांग कर रही है तो कोई पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति साशन लागू करने की बात कह रहे हैं. इस बीच इलाके में दहशत का माहौल है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कुछ लोग घटना के बाद से वहां से पलायन कर रहे हैं.