Mission Gaganyaan: चांद पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद अब इसरो अक्टूबर में अंतरिक्ष (Space) में गगनयान भेजने की तैयारी कर रहा है. अक्टूबर के पहले सप्ताह में इस मिशन के तहत एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजे जाने की योजना है. इस मिशन मकसद तय करना है कि मानव मिशन के समय यह स्पेसक्राफ्ट उसी रूट से लौटे जिससे गया है.
स्पेसक्राफ्ट (Space Craft) की सफल टेस्टिंग के बाद एक महिला रोबोट (Robot Mission) 'व्योममित्र' को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. खास बात ये है कि व्योममित्र इंसानों जैसी सारी एक्टिविटीज कर सकेगी और अगर रोबोट को भेजने और वापस लाने का मिशन सक्सेसफुल रहा, तो इससे आगे बढ़ते हुए मानव मिशन भेजा जाएगा. इस बात की जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने 26 अगस्त को एक निजी चैनल के कॉन्क्लेव में दी.
बता दें कि इसरो के मिशन के मुताबिक, वो अपने पहले ह्यूमन स्पेस-फ्लाइट मिशन गगनयान के तहत साल के आखिर में व्योममित्र नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी. शुरुआती मिशन का मकसद यह तय करना है कि गगनयान रॉकेट जिस मार्ग से जाए उसी मार्ग से सुरक्षित भी लौटे यानी इसके कामयाब होने के बाद ही 2024 में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
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सफल होने पर उसके बाद स्पेस फ्लाइट में दो इंसानों को भेजा जा सकेगा और ये लोग 7 दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे. इसके लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स को रूस भेजकर स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग भी दी गई है. स्पेस में जाने वाले इन एस्ट्रोनॉट्स को गगनॉट्स कहा जाएगा.