Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे कपल्स के रिश्ते को मोह बताते हुए इसे टाइमपास बताया है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इन तरह के रिश्तों में कोई ईमानदारी और स्थिरता नहीं होती. इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने इंटर फेथ लिव इन कपल को पुलिस प्रोटेक्शन देने से मना भी किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. मामले में लड़की के घर वालों ने लड़के पर जिम्मेदार नहीं होने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि लड़के पर गैंग्स्टर के केस में मुकदमे दर्ज हैं. इसको लेकर लड़की के घरवालों ने FIR दर्ज कराया था. इसके बाद कपल्स ने कोर्ट से FIR रद्द करने की मांग की थी.
इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनता हुए कहा कि रिश्तों में स्थिरता और ईमानदारी की जगह मोह ज्यादा होती है. जब तक कि कपल शादी करने का फैसला नहीं कर लेता और अपने रिश्ते को नाम नहीं दे देता या वे एक-दूसरे के प्रति ईमानदार नहीं हो जाते, तब तक कोर्ट इस तरह के रिश्ते पर कोई भी राय व्यक्त करने से परहेज करेगा.