इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों (political parties) के खिलाफ चुनाव के दौरान किए गए वादों से मुकरने पर कोई अपराध (no offense) नहीं बनता. जस्टिस दिनेश पाठक ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि जनता से लुभावने वादे कर उन्हें पूरा ना कर पाने के खिलाफ कोई कानूनी और दंड का प्रावधान नहीं है.
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दरअसल, हाईकोर्ट की ये टिप्पणी एक याकिकाकर्ता की याचिका के बाद सामने आई जिसने कहा था कि बीजेपी ने 2014 में लोगों से किए अपने वादों को पूरा नहीं किया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. जवाब में अदालत ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व एक्ट के तहत अपने वादों के लिए राजनीतिक दल जिम्मेदार नहीं है.